फिर आओ न
आज तुम आये
बहुत अच्छा लगा
सच....
सुबह से
बहुत ख़ुशी
महसूस हो रही है
लग रहा है
महीनों बाद
लौटे हो तुम
कहीं दूर से
मुझे इतने दिनों तक याद रखा
यहाँ तक कि
मेरे लिए गिफ्ट भी लाये
मेरी उलाहना को भी
हंसकर सुना
सुनो
जब मैं तुम्हे गुस्से से
कुछ कह रही थी तो तुम
मेरी बातें नही सुन रहे थे
बल्कि
मेरी आवाज के
उतार चढ़ाव को
महसूस रहे थे
मेरी आँखों मे जो
आंसू ठहरे थे
इतने दिनों बाद
अचानक तुम्हे देखकर
तुम उन्हें आत्मसात कर रहे थे...
देख रहे थे
बिछड़ने के दर्द को
जो मेरी बातों से
ढलक कर
तुम्हारे आगोश में जा रहा था
सुनो
फिर आओ न
कभी न जाने के लिए
एक बार
प्लीज प्लीज प्लीज
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