Friday, June 24, 2011

दिन मे दिया जलाइए..


दिन मे दिया जलाइए..
फिर भी कहाँ?
सच्चा  दोस्त पाइए..
सच्चा  दोस्त तो
किस्मत की बात है..
ना मिले जिंदगी मे 
सच्चा  दोस्त…
तो समझो दिन मे भी 
रात है..
रात को गर
दिन बनाना है ..
कही से भी एक अदद 
सच्चा  दोस्त ढ़ूंड के लाना है..
जो हमारे सुख दुख मे 
हाथ बटा ले..
हमे दुनिया की ग़लत बात से
बचा ले..
जो सच्चा  दोस्त 
ढ़ूंडने मे हो जाए सफल..
तो लहलहा उठेगी 
जिंदगी की फसल..
वरना झूठो से 
काम चलाइए..
उन्ही के साथ घूमिएे, फिरीे..
और सारे शौक फरमाइए..
पर सावधान रहिए..
वक़्त पे ये 
क़ाम  नही आएँगे..
बल्कि आपका भी 
सारा समय..पैसा, एनर्जी
सब लूट ले जाएँगे……. 



0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home