सच्चा सौदा प्रभु का सौदा
बाकी सारे झूठ हैं
लगते सब उपर से सच्चे
अंदर से सब काँच हैं
काँच के टुकड़ो जैसे रिश्ते नाते
मिट्टी मे मिल जाते हैं
रह जाती हैं केवल यादे
जो हमको सहलाती हैं
यादो को समेत कर रखना
सबके बस की बात नही
कोई कोई तो यादो के लपेटे से
हो पाता हैं आज़ाद नही
तभी आती हैं याद प्रभु की
जो देता हैं हमे सहारा
हमे उठाकर हमारे दुखो से
प्यार का मरहम लगता हैं
सब खो जाए दुनिया मे
दौलत, शोहरत, इज़्ज़त, ताक़त
तभी एक प्रभु हाथ पकड़ कर
हमको चलना सिखाता हैं
बिसरे न प्रभु को हरदम
उसकी याद रहे...
कर्मा के हाथो की खिचड़ी
खुद खा जाते है आकर
कुछ करे ना करे जीवन मे
उस से सांसो की तार जुड़े
सब काम हमारे स्वय प्रभु कर जाएगा
- Rajani Bhardwaj काँच के टुकड़ो जैसे रिश्ते नाते
मिट्टी मे मिल जाते हैं............... shi kha h tumne.......November 5 at 7:00pm · · 2 - Om Prakash Nautiyal *
"सच्चा सौदा प्रभु का सौदा
बाकी सारे झूठ हैं
लगते सब उपर से सच्चे
अंदर से सब काँच हैं..."
सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति !!
*November 5 at 8:38pm · · 1 - Vishaal Charchchit TEACHER JI............EK ACHCHHI RACHNA KE LIYE BADHAI SWEEKAR KIJIYE !!!November 5 at 10:37pm · · 2
- Chitra Rathore bahut umdaa Aparna ji...bsss..Ek us Prabhu kee lagan...har maayaajaal sey mukti ...ki raah hai...November 7 at 12:11pm · · 2
- Kiran Arya Aparna Khare bahut sunder abhivyakti gar is saty ko samjh liya jaaye to mukti marg swayam hi khul jaayega............:))November 10 at 1:49pm ·
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