आज कोई खो गया हैं
अब नही वो मिल रहा हैं
कैसी ये खोज हैं
मन मे ना कोई ओज हैं
चारो तरफ कैसा धुआँ हैं
लग नही अब मन रहा हैं
सोचा तुमसे बाँट लू
जी को कुछ हल्का करू
कोई नही अब सिरा हैं
कैसे खोजू बस तू ये बता हैं
कुछ तो कर अब मदद तू...
तेरा ही तो सब किया है
रूठ कर कोई गया हैं
अब नही वो मिल रहा हैं
आज कोई खो गया हैं
वो तो बस मेरा जिया हैं...
- Nirmal Paneri चारो तरफ कैसा धुआँ हैं
लग नही अब मन रहा हैं
सोचा तुमसे बाँट लू
जी को कुछ हल्का करू
कोई नही अब सिरा हैं
कैसे खोजू बस तू ये बता हैं!!!!!!!!!!November 3 at 5:30pm · · 2 - Kiran Arya Sunder bhav mitr............dil ko sambhal kar rakho mitr yeh bada chanchal hota hai, gar kho gaya to us sang apna vajood na kho do tum.............November 3 at 5:32pm · · 2
- Vishaal Charchchit ----------------
रूठ करके जो गया है आएगा वापस जरूर
आपका निःस्वार्थ प्रेम खींच लाएगा जरूर,
कम बहुत हैं आजकल कद्र करने वाले लोग
दूर वो भी आपसे जा के पछतायेगा जरूर...
------------------------------------------- November 3 at 5:41pm · · 1 - Om Prakash Nautiyal *
"..तेरा ही तो सब किया है
रूठ कर कोई गया हैं
अब नही वो मिल रहा हैं
आज कोई खो गया हैं.."
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !!!बधाई !!!
*November 3 at 6:14pm · - Shamim Farooqui Waah bahut khubsurat ehsaas Aparna Khare..jise baRi saadgi aur khubsurti se pesh kiya hai...!November 3 at 8:55pm ·
- Madan Soni लौट आएगा......जहाज के पंछी जहाज पर ही लौटते हैं.....
घायल पंछी ......
लोटना तो बहुत चाहता है मगर ........
पंख नोच लिए गए है सब ने धोखे से ...
प्यार से दाना डालते थे जो ......
पंछी ....अकेला पंछी ........
उन क्रूर आँखों को अपने दिल से
खुश तो कर सकता था मगर .......
पंछी ....अकेला पंछी .........
क्या करता ....???
अपनों ने ही लूटा .....???
लूटा आया अपने सपनीले " पर " ..
लूटा आया सबको.अपने कहे अनकहे सपने .............
कुछ न बोला .....कुछ न कहा ...
बस ...........रोते चहरे पर......
उसके हाल पर तरसती मुस्कान लिए .........
अट्टहास करती यादों को लिए......
मुझे मालूम है ......
पंछी लोटेगा जरूर ........
मगर पंछी बनकर नहीं .....
सिर्फ .........और .....सिर्फ .....
"यादें "बनके >>>????????????????November 3 at 9:29pm · · 1 - Madan Soni आज फिर कोई रो रहा हैं
अब नही है वो चिल्लाता
कैसा ये रुदन है
हर तरफ फैला धुआँ हैं
दिखाई नहीं देता
सोचा अँधेरे में सब को ढूंढ़ लूं
जी को तसल्ली दे लूं
कोई नही अब सिरा हैं
कैसे जीऊँ बस तू ये बता
कुछ तो कर अब मदद तू...
उसका ही तो सब किया है
रूठ कर कोई छिप गया हैं
अब नही वो मिल रहा हैं
आज फिर कोई रो रहा है .......November 3 at 10:41pm · - Madan Soni हाँ कुछ ऐसा ही होता है, क्या ये सच है बोलो तो ?
मन ही मन का दुश्मन बनता -क्या ये सच है बोलो तो ?
मन ही मन से द्वन्द है करता -क्या ये सच है बोलो तो ?
उसके दुःख में खुद को पाता -क्या ये सच है बोलो तो ?
कभी कभी मन पत्थर बन खुद को ठुकरा देता है यूँ,
चलो हटो अब परे ही रहना , बात ना करना मुझसे तुम,
मन ही मन को समझाता है , क्या कहते हो सोचो तो,
मन ही मन को डांट लगाता , कहता मन को रोको तो,
कभी कभी मन चलता पीछे उन अतीत के आज को मान
नहीं भूलता बीते पल को ,मन को ठगता सच को जान,
क्या लौटेंगे बीते पल या , चला गया वो आयेगा ?
क्या मन को मन देके दिलासा सच को समझा पायेगा ?
कोई नहीं समझ पाया मन ये तिलस्म में बंटता है
इश्वर को दे धोखा मानव खुद को हरदम छलता है,
मन से प्यार बढ़ा कर फिर वो प्यार अधूरा रखता है,
नहीं पूर्ण वो कर सकता मन ,खुद ही मन से डरता है
हमने तो इतना जाना है बस खुद से ही प्यार करो,
स्नेह दुलार के भागी बनकर, मन का खुद सत्कार करो.
जो है दूर उसे तुम खींचो , प्रेम डोर ना छोटी हो,
मन के तारों से झंकृत मन, मन ही मन सरगोशी हो.
ऐसा भी क्या जीवन में हरदम यूँ बंध कर रहना है,
मीत नहीं पर , गीत बहुत हैं सुर लहरी में बहना है,
ये बहाव जो प्रबल मधुर सब इसी मोह में आयेंगे,,,
पर कुछ बाकी खाली पन्ने कभी नहीं भर पायेंगे,,
और बड़ी मेहनत से जो पन्नो पर उकेरा ....
उन्होंने पानी गिरा दिया .......धो दिया ....
उन अनकहे पन्नो का क्या ??????November 3 at 10:48pm · · 1 - Suman Mishra alag hokar koi vajood bana paayaa hai,,,,logo ki tavajjo se vajood bantaa hai,,,,khud par faith hona chahiyeNovember 3 at 11:13pm ·
- Madan Soni TO FIR SAMJHAO SAB KO ..............SHAYAD VOSAB BHI IS BHEED ME HO..............November 3 at 11:15pm ·
- Suman Mishra मदन जी कर्म करना हमारा काम है,,,समझाने वाला वो ऊपर वाला है...November 3 at 11:31pm · · 1
- Gopal Krishna Shukla .
आज कोई खो गया हैं
वो तो बस मेरा जिया हैं...
वाह.. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति अपर्णा जीNovember 3 at 11:52pm · · 2 - Naresh Matia wah ji...bahut khoob....yeh man bhi badi cheej hain...idhar-udhar hi milta hai...jab khush hua to kisi ke paas chal diya..jab udas hua to kisi aur ke paas mila...aur jab rootha tab bhi kisi aur ke paas hi jakar mila....pataa nahi kya cheej hain yeh man...November 4 at 12:00am · · 1
- Alam Khursheed -----------
Waaaaaaaaaaah Aparana Ji !
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हमेशा दिल में रहता है कभी गोया नहीं जाता
जिसे पाया नहीं जाता , उसे खोया नहीं जाताNovember 4 at 9:50am · · 1
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