हमारा मन नहीं रहता , हमारे पास
जब मैं
तुम्हारे साथ होती हूँ
खुद को सारी दुनिया से
खाली कर लेती हूँ
नही रखती मन मे
कोई गुबार....
फैला होता बस
चारो तरफ
प्यार ही प्यार..
तुम्हारी प्यारी बातें
मन को गुदगुदाती हैं
जब छेड़ देते हो
मन की तरंगे
मन कही खो
सा जाता हैं
जैसे खुलने के बाद
उन(वूल) का गोला
उलझ जाता हैं
और बड़ी मुश्किल से
हाथ आता हैं
ऐसे ही हमारा मन . .
नही रहता....हमारे पास
तुम्हारे पास
सरक जाता हैं
Suman Mishra sambhaaliye......man ko.....saagar ki athaah lahrein....man ko kaheen apnee tarangon main baha naa le jaayem
October 25 at 6:27pm · · 4
Nirmal Paneri कुछ पूर्ण होता है कुछ अधुरा सा रहा जाता है वही कही खोने का अहसास ...इंसानी दायित्व के होते हुए भी उसको स्वामीत्व कही नष्ट होता लगता है वही इंसानी मन खोने की कशमकश है शायद ...पर इस पर विजय ही इन्सान को महान बनजाती है कही !!!!!!!!!शायद !!!!!!!!!!!!!!!!!
October 25 at 6:33pm · · 2
Om Prakash Nautiyal *
"..जैसे खुलने के बाद
ऊन का गोला
उलझ जाता हैं
और बड़ी मुश्किल से
हाथ आता हैं .."
वाह ! बहुत सुन्दर !! शुभ दीपावली !!!!
*
October 25 at 7:45pm ·
Parveen Kathuria aapka man bhi kamaal ka hai.....ise kaho punjab ki gaadi bhi pakde..)))
October 25 at 9:16pm ·
Vishaal Charchchit BAHUT KHOOB.................BHARI BHARKAM (PYAR SE BHARAA HUA) MANN.............APNE AAP SARAK JAATA HAI US TARAF..................BHA I WAAH !!!
October 25 at 10:30pm ·
Manjula Saxena समझता नहीं यह नादाँ
नन्ही सी जान
तुम्हारे होने, न होने का फर्क
हर दम रहता संग तुम्हारे
भूल दुनिया के नज़ारे
जो भी हो , मानता है तुम्हे ख़ास
हमारा मन नहीं रहता , हमारे पास
October 26 at 11:32pm · · 4
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