Wednesday, December 14, 2011


तुमने कहा था 
याद एक कविता है...
ठहाकों से रची गई..
चुप्‍पी की कविता...
तुम्‍हारे कहने का भाव
समझने में कुछ देर लगी.....
ठहाके तुम्‍हारे पास, 
चुप्‍पी मेरे पास और 
कविता किताबों में....
नही तुमने कुछ ग़लत अर्थ लगाया हैं
वो कविता कुछ यूँ हैं....
तुम्हारी मौन स्वीकृति...
मेरा अंदर से खुश हो जाना..
मॅन का खुशी से ठहाके लगाना...
दोनो के प्यार से एक नई....
कविता का सृजन हो जाना
प्यार के नये आयाम खुल जाना
नई कविता का जनम हो जाना

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