प्रेम मे अपशकुन.......
प्रेम मे अपशकुन.......
मैने तो इतना ही
अर्थ लगाया हैं
समझ लो जुदाई का
वक़्त आया हैं
टूटी चूड़िया भी उस वक़्त
कुछ नही कर पाती हैं....
जब पिय से दूर
जाने की बात आती हैं
झरते हैं आँखो से आँसू
जब उनकी याद आती हैं.....
माँ ने कहा हैं तो
ठीक ही होगा....
माँ का अनुभव
मुझसे ज़्यादा जो हैं
टूटी चूड़ियो से
रिश्ते नही टूटा करते...
वो तो हमेशा यादों मे हैं रहते
चाह कर भी
नही कर सकता
उन्हे कोई जुदा
वो तो खुद
खुदा की तरह होते....
मैने तो इतना ही
अर्थ लगाया हैं
समझ लो जुदाई का
वक़्त आया हैं
टूटी चूड़िया भी उस वक़्त
कुछ नही कर पाती हैं....
जब पिय से दूर
जाने की बात आती हैं
झरते हैं आँखो से आँसू
जब उनकी याद आती हैं.....
माँ ने कहा हैं तो
ठीक ही होगा....
माँ का अनुभव
मुझसे ज़्यादा जो हैं
टूटी चूड़ियो से
रिश्ते नही टूटा करते...
वो तो हमेशा यादों मे हैं रहते
चाह कर भी
नही कर सकता
उन्हे कोई जुदा
वो तो खुद
खुदा की तरह होते....
6 Comments:
बहुत ही दमदार एवं उम्दा प्रस्तुति ...आभार ।
Shukriya Sanjay ji...
बहुत खूब कहा यादों में रहने वाले रिश्ते जिन्दा ही रहते है
upasana di..yaad se hi jinda hain....sach kaha hain apne....warna ham kaha jate kise batate...kya haal hota hamara..thanks
वाह बहुत उम्दा प्रस्तुति! बधाई हो....
अब शायद 3-4 दिन किसी भी ब्लॉग पर आना न हो पाये!
उत्तराखण्ड सरकार में दायित्व पाने के लिए भाग-दौड़ में लगा हूँ!
बृहस्पतिवार-शुक्रवार को दिल्ली में ही रहूँगा!
Thanks Shastri Uncle...bahut achhi news hain....bhagwaan kare ap saphal ho...
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