Sunday, September 2, 2012






आज फिर प्यार का गला घुट गया
चली गई फिजा उसका प्यार रह गया..
ज़माने ने उसके प्यार को रुसवा किया
सह सकी न वो ज़माने के सितम
मौत को उसने अपना कहा..

क्या प्यार करना गुनाह हैं ???
प्यार करके प्यार ज़माने को दिखाना गुनाह हैं ?
कई ऐसे प्रशन रह गए सामने..
प्यार ने dekho फिर प्यार को रुसवा किया..
चली गई फिजा उसका प्यार रह गया..
कब तक सहेगा प्यार ऐसा सितम..
कब हटेगी प्यार की ये बेडिया..
करेगा क़ुबूल जमाना... सच्चे प्यार को..
आज फिर प्यार का गला घुट गया
चली गई फिजा उसका प्यार रह गया..

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