हो गई हैं रात चलो सो जाए..
हो गई हैं रात चलो सो जाए..
तकता हैं चाँद हमारी बाट
चलो सो जाए..
तारो की ओढ़ ले चादर.........
चाँदनी को तकिया बनाए
चलो सो जाए...
लोगो ने कितना समझाया..दर्द था मेरा नही पराया
कैसे उनको हम समझते..दर्द भी हैं मज़ा दे जाते....उम्र भर की सज़ा दे जाते
तेरा प्यार मेरी अमानत हैं...
तपते सहरा मे..थोड़ी ठंडक हैं..
इश्क़ की बाज़ी थी....उसे जीतना ही था...
तू चाहे कितना भी दम लगाता तेरी मात ही थी..
तुम्हारे बिना रहना एक पल भी ना गवारा होगा...
जिस घड़ी तुम ना हुए तो मेरा भी सवेरा ना होगा...
उसकी सहृदयता देखो कितना प्यार करता हैं तुम्हे
जिन आँसू को तुम बहा देते हो यू ही संभाल लेता हैं वो उन्हे
माँगा भी तो मुश्किलो की तरह..
क्यूँ नही कहते,,सुकून दे जाओ मुझे..
कहाँ जा रहा हैं तू ए जाने वाले..
मुझको भी तू ले जा मेरा शहर उजाड़नेवाले
दिल का क्या हैं..उसको मना लो..
लेकिन ये और भी अच्छा हैं किसी को अपना भी बना लो..
तुम भी कमाल करते हो
लेकर दिल मेरा अपने हाथो मे..
अपना ही नाम करते हो..
सुनकर मेरी बाते तुम हंसते हो..
तुम भी मेरा मज़ाक करते हो..जाओ हम नही बोलेंगे
हमे नही खाना हैं...शुगर का बहाना हैं
हमने ना बनाई बतिया..
आँखो आँखो मे कट गई रतियाँ
हम जो सारी रात जागे....
सुबह मच जाएगा शोर....
ये दिल माँगे मोर
रूठ कर तुमसे कहाँ जाएँगे
सुबह होते ही फिर तुम्हारे पास चले आएँगे
कैसे जाने दे तुम्हे घर ओ जादूगर
तीर चलाया ना कर..मेरे हमसफ़र
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home