महक गया सारा आलम..जो चलाई अपने अपनी कलम
आपने परखा हमने परखा
एक ही तो बात हैं..
आप ठहरे हमारे दादा...
कैसे काटे आपकी बात हैं..
खुशी देने वाले को गम नही देते...
अपना जो कहे उसकी आँखे नम नही होने देते..
दिन ने कहा होगा..कल फिर .आउँगा.
मत छोड़ना उमीद का दामन
ये सुनते ही आसमान शर्मा कर
हो गया गुलाबी.....उड़ने लगा हवा मे..
तुम्हारे दो आँसू..
बहे मेरे सामने..
मौत ही ना आ जाए..
इस से पहले..
तेरे जाने के बाद तेरी याद आई..
क्या यही थी तेरे प्यार की गहराई
मैने की कल की बात..
आप को याद आ गई..कोई पुरानी बात..
सच कहा माप तौल हमे भी आता नही..
लेकिन क्या करे उनको इसके बिना
कुछ समझ आता नही..
तुम हो अच्छे इंसान
तुम्हे नही हैं इसका भान..
दिलो को छू जाते हो...
जाने क्या लिख जाते हो..
क्यूँ सोचते हो कुछ नही कहोगे..
प्यार की राह हैं तो संग संग चलोगे..
कुछ तुम कहना कुछ हम कहेंगे..
रास्ता आसानी से अपना तय करेंगे
बात कल आज की नही प्यार की हैं....जो सदियो पुराना हैं...
कल किसी और ने किया....आज हमारा जमाना हैं..
मत छोड़ना इसे किसी कीमत पे...
हम सब की ये धरोहर हैं..
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