तुम्हारा ख़याल
हुई आज फुर्सत तो
तुम्हारा ख़याल आया हैं..
की थी जो चुपके से
जो तुमसे आँखों ने बातें..
उनका सवाल आया हैं
तुम्हारा आँखों से पूछना..
मेरी मौन स्वीकृति में
धीरे से सर हिलाना
तुम्हारा चुपके से
मेरे पीछे पीछे आना...
सब याद आया हैं..
हुई आज फुर्सत तो..
तुम्हारा ख़याल आया हैं..
सच बहुत प्यारे दिन थे हमारे..
न थी किसी बात की चिंता..
रहते थे हम तुम तुम्हारे हमारे..
आँखों से दिल में उतरते थे..
सच हम प्यार को भी कितना
अच्छे से प्यार करते थे..
मौन ही मौन में कहाँ तक
चले आए हैं......
कब घर की दहलीज़ मॅन से
पार कर आए हैं......
पता भी न चला हमे..
आज हम कहाँ से कहाँ तक आए हैं..
जो तुमसे आँखों ने बातें..
उनका सवाल आया हैं
तुम्हारा आँखों से पूछना..
मेरी मौन स्वीकृति में
धीरे से सर हिलाना
तुम्हारा चुपके से
मेरे पीछे पीछे आना...
सब याद आया हैं..
हुई आज फुर्सत तो..
तुम्हारा ख़याल आया हैं..
सच बहुत प्यारे दिन थे हमारे..
न थी किसी बात की चिंता..
रहते थे हम तुम तुम्हारे हमारे..
आँखों से दिल में उतरते थे..
सच हम प्यार को भी कितना
अच्छे से प्यार करते थे..
मौन ही मौन में कहाँ तक
चले आए हैं......
कब घर की दहलीज़ मॅन से
पार कर आए हैं......
पता भी न चला हमे..
आज हम कहाँ से कहाँ तक आए हैं..
1 Comments:
nice one ..:)
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