रंग मत भरना...
किया हैं टूट के तुझसे प्यार कोई एहसान नही हैं..
आया हैं जब तब तेरा ही ख़याल कोई एहसान नही हैं
अबकी जो बनाना कोई तस्वीर रंग मत भरना...
देखना वक़्त की कूँची खुद अपना काम करेगी..
खाक हो जाएँगे सपने तेरे
सुबह होने तक..............
उपर वाले ने दे दिया आसमान संभाले कोई...
क्यूँ रखे तह करके...गाळीचा अपना
सारे सपने ले गया कोई..
रात भर का जागना दे गया कोई..
बदलते रहे करवटे..
ना आना था उसे ...ना आया कोई .
दे दी हैं उन्हे इतनी इज़ाज़त हमने..
आ जाए मेरे खवाबो मे, बिना दस्तक दिए..
हम नही करते कोई झूठा वादा..
मेरे कहने से तुम सो जाओ..
हम आए जो मिलने तुमसे...
तुम कह दो की हम सो रहे हैं अभी जाओ..
टूटी तस्वीर के टुकड़े न जोड़ो तुम...
आ जाओ फिर से...नई तस्वीर की खातिर
मत छोड़ना आस तुम..
रखना एक विश्वास तुम..
एसा भी पल आएगा
वो तुम बिन ना जी पाएगा..
दौड़ के तुम तक आएगा...
तुमको जिंदगी बनाएगा....
कितनी पीनी थी
कितनी पी ली हैं
की तुझे होश नही...
करना था कुछ और ये काम कर दिया..
कह के बार बार अपना..मेरा काम तमाम कर दिया
ताज़ा शबनम की बूँद तुम्हारी याद दिला गई..
सो गया था जो दिल मे प्यार, एक बार फिर जगा गई..
5 Comments:
सुन्दर रचना!
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@jindagi..tumhari khamoshi bhi bahut kuch kehti hain...
jo suna hain maine bahut baar...thanks
Thanks Uncle..
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