लकीर का फकीर से भी होता होगा कोई ताल्लुक
लकीर का फकीर से भी
होता होगा कोई ताल्लुक
तभी तो ये मुहावरा बना हैं
लकीर के फकीर
लेकिन मुझे तो लगता हैं
फकीर को लकीर की
ज़रूरत ही कहाँ हैं...
वो आज पे जीता हैं..
कल पे कुछ नही रखता हैं..
फिर उसे ना किसी की चिंता
ना फिकर, रहता हैं अल्मस्त....
तभी तो ले पाता हैं
असली जीने का मज़ा..
ईश्वर से नज़दीकी..
जो हम सब के नसीब मे कहाँ?
हम सब तो लकीर के मारे हैं..
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home