Tuesday, October 15, 2013

स्वेटर ...


उसके हाथो मे हैं जादू...  
जब बुनती हैं वो स्वेटर ... 
उष्मा....अंदर तक भर देती हैं... 
एक एक फंदे मे वो...  
अपना आशीर्वाद भर देती हैं वो.. 
माँ हैं ना वो.. 
ना जाने कैसे सब 
इतने प्यार से कर लेती हैं.. 

 

3 Comments:

At October 17, 2013 at 12:02 AM , Blogger अपर्णा खरे said...

bahut bahut abhaar...uncle

 
At October 18, 2013 at 2:00 AM , Blogger विभूति" said...

भावो का सुन्दर समायोजन......

 
At October 18, 2013 at 11:37 PM , Blogger अपर्णा खरे said...

Shukria Sushma ji..

 

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