"तुम बहुत अच्छी हो.."
कुछ खास नही थी
अपनी पहचान..
बस इंटर नेट पे
यू ही कुछ खंगालते हुए
दिख गये उसके चंद शब्द...
शब्द थे या तीर
सीधे दिल को चीर कर
पार हो गये
लगा जैसे
मेरे लिए ही लिखे गये हो...
बस वही से हुई
अपनी कुछ पहचान
मुझे ना जाने क्या सूझा...
लिख दिया तारीफ के कुछ शब्द...
दिल से लिखी तारीफ....क्यूँ ना करती असर..
उधर से भी प्यारा सा जवाब आया...
चिर परिचित सा ..धन्यवाद......
फिर क्या था....थोड़ी सी बात ...कुछ शेरिंग..
कुछ हँसी..कुछ मज़ाक...
ऐसे ही बीता कुछ समय
अब तो डरता हैं दिल.....
उसको कुछ भी बताने से...
हम हैं दोस्त अच्छे....लेकिन फिर भी
कही वो ये ना कह दे ...........
"तुम बहुत अच्छी हो.."
अपनी पहचान..
बस इंटर नेट पे
यू ही कुछ खंगालते हुए
दिख गये उसके चंद शब्द...
शब्द थे या तीर
सीधे दिल को चीर कर
पार हो गये
लगा जैसे
मेरे लिए ही लिखे गये हो...
बस वही से हुई
अपनी कुछ पहचान
मुझे ना जाने क्या सूझा...
लिख दिया तारीफ के कुछ शब्द...
दिल से लिखी तारीफ....क्यूँ ना करती असर..
उधर से भी प्यारा सा जवाब आया...
चिर परिचित सा ..धन्यवाद......
फिर क्या था....थोड़ी सी बात ...कुछ शेरिंग..
कुछ हँसी..कुछ मज़ाक...
ऐसे ही बीता कुछ समय
अब तो डरता हैं दिल.....
उसको कुछ भी बताने से...
हम हैं दोस्त अच्छे....लेकिन फिर भी
कही वो ये ना कह दे ...........
"तुम बहुत अच्छी हो.."
2 Comments:
SUNDAR AHSAAS BHARI RACHNA ............""TUM BAHUT ACHHI HO '''
shukriya
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