सोंधी मिट्टी
मेरे गाव की सोंधी मिट्टी
भरती हैं मस्ती दिल मे..
वो घर के बाहर का चौबारा...
आज भी हैं खुश रहता..
जब मिल बैठते सारे बुजुर्ग...
गप्पे खूब लड़ाते.....
करते दूर देश की बातें
बच्चो संग उधम मचाते
परियो तक ले जाते..सबको..
भूत प्रेत से डराते
पंछी आते पानी पीते......
नये राग हैं गाते...........
अम्मा की सोंधी सी रोटी....
प्याज़ के संग खूब भाती
रहते मिलकर एक दूजे संग
प्यार की फसल .लहलहाती.
ऐसा गाव हैं मेरा...प्यारा गाव हैं मेरा
भरती हैं मस्ती दिल मे..
वो घर के बाहर का चौबारा...
आज भी हैं खुश रहता..
जब मिल बैठते सारे बुजुर्ग...
गप्पे खूब लड़ाते.....
करते दूर देश की बातें
बच्चो संग उधम मचाते
परियो तक ले जाते..सबको..
भूत प्रेत से डराते
पंछी आते पानी पीते......
नये राग हैं गाते...........
अम्मा की सोंधी सी रोटी....
प्याज़ के संग खूब भाती
रहते मिलकर एक दूजे संग
प्यार की फसल .लहलहाती.
ऐसा गाव हैं मेरा...प्यारा गाव हैं मेरा
2 Comments:
nice..........
thanks.....
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