मत कर महबूब.. उन दिनो की बात
तुम्हारा साथ..
सदियो तक याद..
मत कर महबूब..
उन दिनो की बात
सब कुछ घूम जाता हैं
नज़रो के सामने
तेरे साथ बिताए वो पल
अब तक ताजे हैं..
गुलाब के फूलों की मानिंद..
महक रहा हैं मेरा हर लम्हा
तेरी ही याद से..
तू उतर जो गया
मेरी रूहोसाज़ मे
ता-उम्र वही लम्हा
गुनगुनाउगी...दिल के साज़ पे
यही राग गाउगी..
तुम सुनते रहना मोहब्बत से
ये नगमा..जो रचा हैं मैने
तुम्हारे लिए....सिर्फ़
तुम्हारे लिए...
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