Tuesday, March 13, 2018

रिश्तो की कब्रगाह

तेरे मकान तक
आने की खातिर
मुझे गुज़रना था
रिश्तो की क़ब्रगाह से..
ये कोई आसान ना था..
आना भी था ज़रूर..
पाना भी था ज़रूर
लेकिन
खुद को खोकर
रिश्तों को खोकर..

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