Sunday, October 4, 2020

तुम्हारी याद

 तुम्हारी याद 
अलगनी से 
उतार कर
अच्छे से 
तहा कर
अपनी अलमारी में
रख दी है
रोज एक बार 
निकाल कर
देख लूँगी
नही तो अलमारी में
पड़े पड़े कहीं
दीमक न लग जाये
चट कर जाए
तुम्हारी सारी 
शैतानियां
अठखेलियां
जो तुम 
हम सबके साथ
किया करते थे......
धूप लगाना भी तो जरूरी होता है न मेरे यार.....

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