Monday, September 24, 2012

main beemar hoon



देखी मैने वीरानी क्या होती हैं
मौत की परेशानी क्या होती हैं
अब समझ मे आया जबसे हुई हूँ बीमार
लगता हैं अंत समय आया हैं
जो साँस जाती हैं बाहर..

भीतर आने मे समय लेती हैं
इतनी देर जान समझो
सांसत मे ही लटकी रहती हैं..
एक एक कदम उठना भारी लगता हैं
नही लगता किसी भी काम मे दिल..
हर वक़्त उखड़ा उखड़ा रहता हैं
रोज़ मर मर के जीती हूँ
साँझ नही आता कैसे जाए
जल्दी से बीमारी
बस आप सबकी दुआ ही ले सकती हूँ
करे दुआ हम ठीक हो जाए
करे साथ मिल कर आप सबके साथ मस्ती
फिर से साथ मिल कर क़हक़हे लगाए,....

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