Tuesday, May 29, 2018


रंग ए मोहब्बत है
उतरेगा तो उतरेगा कैसे??
दर्द की बारिशों का असर
कम हो तो, कम हो कैसे???

दर्द ए इंतेहा तो
दर्द के साथ
गुजर जाएगा
जख्मों के जखीरे
देखोगे तो देखोगे कैसे??

अंधेरे मिला देंगे तुम्हे
सूरज से एक दिन
तुम सूरज का
जलता सफर
सहोगे तो सहोगे कैसे??

बेवफाई की बात मत करो
ये तो इंसान की
रग रग में है मौजूद
तमाशा ए इन्तेक़ाम तुम
लोगे भी तो लोगे कैसे???

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