Tuesday, May 29, 2018


कुछ खोया
कुछ पाया
कुछ गवाया
तब जाकर
इतना सारा
अनुभव पाया
याद से तुम्हारी
आंखे गंगाजल सी
हो जाती है
है पवित्र इतनी
तुम्हारी याद
मुझे पावनी
बनाती है
यू ही मिले
साथ तुम्हारा
लेकिन
कुछ शर्तों के साथ
नही जाएंगे
बीच मे छोड़कर
एक दूजे का साथ
बोलो मंजूर हो
शर्त तो
आगे बढ़ते है
वरना जैसे चल रहा है
वैसे ही चलते है!!!!

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