Thursday, June 18, 2020

सब धरती पे छूट जाता है



इंसान चला जाता है
धरती का दहेज 
धरती पे रह जाता है

रह जाती है
अनगिनत यादें
उसका अनूठा प्यार
सबका ध्यान 
रखने का स्वभाव
खिलखिलाहटें, 
जी भर कर देखना, 
कभी रोना, 
कभी हंसना, 
कभी हताश होना, 
कभी औरों को 
दिलासे देना
न जाने 
कितने छिपे स्वभाव
ये तो हुई उसकी आदतें

इनके सिवा

लैपटॉप, मोबाइल, 
मोटर गाड़िया,
ढेरों मनपसंद कपड़े
म्यूजिक प्लेयर, जूते चप्पल
सीडी, कसरत के सामान
और न जाने क्या क्या...

नाम रह जाता है...
Designation भी 
याद किया जाता है....
पुरानी फोटुएं
खूबसूरत चेहरा 
बार बार बुलाता है...
सब छूट जाता है....
और
इंसान गुम हो जाता है...

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home