तिल को किसने ताड़ बनाया
तिल को किसने ताड़ बनाया
ये मेरी कुछ समझ ना आया
छोटी छोटी बातों को
क्यूँ लेते हो गहराई मे
गहराई मे जाते ही बात बड़ी हो जाती हैं
बड़ी बड़ी बात ही समस्या की जड़ कहलाती हैं
बातों को विश्राम दो ना कोई आयाम दो
मत करो छोटी बातें
मत करो ओछी बातें
बातों से हमारी पहचान है
बातें ही हमारे व्यक्तिव की शान है
कौन कैसा हैं? बातों से ही तो पता चलता हैं
चुप रहे सामने वाला तो कैसे पता चले ?
की वो मॅन मे क्या घात रखता है...
अतः अच्छी बातों की कोशिश करे...
क्यूँ दूसरो के चक्कर मे अपने संबंध खराब करे
आगे तेरी मर्ज़ी हैं..
जो तू करे उसमे तेरी ही उन्नति रुकती हैं..
सफल होने का प्रयास करे...
क्यूँ बेकार की बातों मे समय अपना खराब करें..
समय अपना खराब करे..........
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