Thursday, June 16, 2011

कहाँ छिपा है तू भगवान



कहाँ छिपा है
तू भगवान
खोज  ना पाए
तुझको इंसान
गर तू पहाड़ो मे
जा छिपता है
तुझे इंसान फिर भी
खोज लेता है
गर तू पाताल मे
आ छिपता है..
तो भी मनुज
जा पहुचता है
समुन्द्र की गहराई मे
जा छिपता  है
मनुज तेरा वहाँ 
भी 
पार पा जाता है
खुद को
छिपाने के लिए
इंसान का हृदय 
तूने बनाया है
अपने आपको तूने 
वोही महफूज़ पाया है
परंतु....बेवकूफ़ मनुष्य 
वहाँ तक नही पहुच पाया है
मथुरा, काबा, काशी का उसने 
लाख चक्कर लगाया है
थक  हार के जब बैठा है,
जब अंदर  मे झाँका 
तब तुझे पाया है
क्यूंकी तू तो 
सबके दिल मे समाया हैं
जिसने  सच्ची भावनाओ को 
जगाया है
अपना जीवन 
सरल बनाया है
खुद को खोया है,
अपने आप को गवाया है
छल कपट वाले से 
भगवान ने खुद को बचाया है....
खुद को बचाया है...



    • Prateek Shesh कहा था प्रभु ने ,
      आउंगा मैं बार-बार ,
      जब-जब बढेगा पाप ,
      धर्म की होगी हानि !

      कहाँ है वह प्रतिज्ञा ?
      कहाँ है प्रभु ?
      मानव के रूप में ही आज है विद्यमान ,
      हिरण्यकश्यप , पूतना , बकासुर , कंस ...

      कौन हो कहाँ हो , तुम परिचय दो अपना ,
      फिर झूठ ,दंभ स्वार्थ और पाखण्ड का ,
      साम्राज्य फैला है ,
      आओ तुम एक बार, आओ तुम !!
      _______________मीतू !!
      १८ फ़रवरी २०११.
      .................kiran shrivastav meetu
      June 1 at 3:22pm ·  ·  3 people
    • Aameen Khan wah!!! bahut hi sunder kavita........ hey rom rom may basanewaale raam; jagat ke swaami; tum antaryaami..... mai tuzse kya maangu.
      June 1 at 3:22pm ·  ·  1 person
    • Aparna Khare Theek kaha prateek...jab jab hoye dharm ki hani, badhe adam, asur , abhimani.....
      June 1 at 3:27pm · 
    • Aparna Khare Thanks Aameen ji.....jo sab bin mange deta hai..use kya mangu
      June 1 at 3:28pm · 
    • Manoj Gupta ये वीरान गलियां, ये टूटे आशियाँ
      ये हैवान भवरें,ये फूल बनती कलियाँ
      देख ले अपनी जमीं पर कैसा ये शमां है
      शैतान बन गए इंसा ऐ भगवान तू कहाँ है

      ये मासूस चेहरे,ये आसुओं का सागर
      रात बनी है ज़िंदगी,ना जाने कब होगी सहर
      आते है बेटे और,उनके बाप भी यहाँ
      ये सहमी हुयी नादान लुट गयी जिनकी दुनिया
      ये नकली मुखौटे, ये सुर्ख सजावटे
      ये रोते हुए दिल मे खुशी की मिलावटे
      जरा झुक के देख ले,तेरा करिश्मा यहाँ जमा है
      शैतान बन गए इंसा ऐ भगवान तू कहाँ है

      ये हिन्दोस्तां के सपने,ये भारत की बेटियाँ
      ये आदर्श हमारे,मनाते ये रंगरेलियाँ
      नेता ये कल के,ये देश के पालनहार
      देश को सजा रहे जो लूट कर देश का श्रृंगार
      ये नोटों के अम्बार, ये कदमो की रफ़्तार
      लाल रोशनी मे डूबा, ये नकली संसार
      नाज़ है जिन पर हमे,आज सारे वो यहाँ है
      शैतान बन गए इंसा ऐ भगवान तू कहाँ है

      अपने उस भगवान को टू जमीं पर बुलाओ
      ये संसार उसका जरा उसी को दिखाओ
      कोई रूप धर कर अब क्यों नही आता यहाँ है
      शैतान बन गए इंसा ऐ भगवान तू कहाँ है
      June 1 at 3:43pm ·  ·  3 people
    • Kiran Arya Hey dear sahi kaha tumne Ishwar hamare dil me rahte hai aur ham use bahay jagat me dhundte rahte hai, jisne apne man mandir me use basa liya aur paa liya usne jag me sab kuch paa liya................:))
      June 1 at 3:45pm ·  ·  2 people
    • Manoj Gupta ‎" मन्दिर, मस्जिद हमने बहुत देखे ..तुजे ढूँढने की कोशिश हमने बहुत की जा जा कर मन्दिर मस्जिद देखा कही पर भी तू न मिला सिर्फ़ अलग अलग लोग मिलते थे ...मूरत तो थी ....मजार भी थी मगर तू नही था ....थी तो सिर्फ़ मन्दिर मस्जिद की चार दीवारे और अपने आप को तेरा भक्त कहनेवाले कुछ लोग "

      " हे भगवान ,तेरे नाम पर आज कल मन्दिर मस्जिद वाले भी माँगने लगे है ,कभी चंदे के नाम तो कभी तेरे दर्शन करवाने के नाम पर ...तेरे करीब रहनेवाले ये लोगो को सद्बुद्धि देना भगवन नही तो तुज पर से लोगो का भरोसा उठ जाएगा क्या तेरे खजाने में खोट पड़ गई के तुजको भी चंदे की जरूरत पड़ने लगी कभी निच्चे झांककर देखना ये गरीब लोग.... तेरे चाहनेवाले किस कदर तेरे ....तेरे पास आकर लुटे जाते है फ़िर भी तुजे लगे के ये ठीक हो रहा है .....तेरे पुजारी ..लोगो को लुट ते है वो ठीक है तो तो .....हमे लुटाने में कोई हर्ज नही ....अगर ये ग़लत है तो फ़िर तू चुपचाप बैठा है क्यों ?"

      " क्या मन्दिर ,मस्जिद की चार दिवारी में नही है तू ? क्या हम गरीब तेरे चाहनेवाले बिना पैसे तेरे दर्शन नही कर सकते ?सायद तेरे खजाने में कुछ कमी है वरना तू गरीब को कभी तरसता नही "

      " कहाँ है तू ? सुना था की तू करुना का सागर है , तू दयावान है ,भक्तों का तारणहार है और अगर है भी तो फ़िर कहा है तू ? कभी धरती पर आकर देखना fursat में तेरे नाम पर ये लोग क्या क्या khel खेलते है ? "
      Posted by SACCHAI
      June 1 at 4:04pm ·  ·  2 people
    • Aparna Khare thanks Manoj ji......reality of Life
      June 1 at 4:06pm ·  ·  1 person
    • Meenu Vohra छल कपट वाले से भगवान ने खुद को बचाया है....satya keha aapnae ......!
      June 1 at 4:49pm ·  ·  1 person
    • Aparna Khare thanks Meenu ji..
      June 1 at 4:49pm ·  ·  1 person
    • Aparna Khare Thanks Kiran......dil ki baat sab kaha jante hai...sab kaha prabhu ko pehchante hain
      June 1 at 4:50pm ·  ·  1 person
    • Ashish Khedikar Bahut khoob Aparna ji... Aap kuchh dino se kahan chhupe huye the..??
      June 1 at 5:00pm ·  ·  1 person
    • Aparna Khare kahi nahi bus out of station thi.....
      June 1 at 5:01pm ·  ·  1 person
    • Manoj Kumar Bhattoa wah ! Aparna Khare ji bahut uttam rachna.....bhagwaan nhi abh lok shup kar time pass kar raha hai....insaan badal chuka hai....
      June 1 at 5:37pm ·  ·  1 person
    • Om Prakash Nautiyal ‎*बहुत सुन्दर भाव हैं !!
      "मोको कहाँ ढूंढे बन्दे मैं तो तेरे पास में...."
      -कबीर
      *
      June 1 at 7:02pm ·  ·  3 people
    • Parveen Kathuria जब अंदर मे झाँका तब तुझे पाया है
      क्यूंकी तू तो सबके दिल मे समाया हैं.....sach kaha aapne
      June 1 at 11:00pm ·  ·  2 people
    • Poonam Matia rom rom mei basne wale ram ................sach aur sunder abhivyakti .......
      June 1 at 11:30pm ·  ·  1 person
    • Meenu Kathuria बहुत सुन्दर लिखा ......कहाँ है तू भगवान .......जब अंदर मे झाँका तब तुझे पाया है
      क्यूंकी तू तो सबके दिल मे समाया हैं.......भगवान ने बनाया मन मंदिर में अपना कोना ........
      June 1 at 11:59pm ·  ·  2 people
    • Niranjana K Thakur bahut sunder !
      June 2 at 10:49am ·  ·  1 person
    • Naresh Matia जब अंदर मे झाँका तब तुझे पाया है
      क्यूंकी तू तो सबके दिल मे समाया हैं
      ...............bas yahi hain bhagwaan....sabko apne hi dhoondhna hai...........bahut sarthak aapki rachna...
      June 3 at 3:43pm ·  ·  1 person
    • Aparna Khare Thanks Naresh ji...
      June 3 at 3:45pm · 
    • Aparna Khare dunia banane wale kya tere mann me samai ....thanks Manoj Kumar Bhattoaji
      June 3 at 3:47pm · 
    • Aparna Khare om prakash ji thanks .....
      June 3 at 3:47pm · 
    • Aparna Khare Thanks Parveen Kathuria ji
      June 3 at 3:47pm · 
    • Aparna Khare thanks Poonam Matia ji...mann ke har rom koop se awaz ati hain...tumhara hoon prabhu , tumhara hoon
      June 3 at 3:48pm · 
    • Aparna Khare thanks Meenu Kathuria ji.....
      June 3 at 3:49pm · 
    • Aparna Khare Thanks Niranjana K Thakur ji..
      June 3 at 3:49pm · 

1 Comments:

At June 16, 2011 at 10:11 AM , Blogger sandeep khare said...

bahut sunder

 

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