तू सब कुछ पा जाएगा
वाह रे इंसान तूने
ये क्या किया
सुख माँगा जीवन मे,
सुख पाया
फिर भी कभी
शुकराना नही किया...
वाह रे...
रॅंका और बंका की मानिंद
तू कभी नही बन पाया..
सुख भेजा भगवान ने
फिर भी हाथ ना लगाया
मिट्टी को मिट्टी ही समझा
सोने को ठुकराया..
एक तू है जो दिन भर
सुख के लिए भटकता है
भगवान तो इतना प्यारा है..
जो तेरी भावनाओ के लिए
तरसता है..
तू दे भगवान को
अपनी भावना
सब कुछ पा जाएगा
ना सोचा हुआ भी
तेरी राह मे
आ जाएगा....
मोड़ ले मॅन को आगे बढ़ जा
तू सब कुछ पा जाएगा.............
रॅंका और बंका कृष्ण के दो भक्त थे उनकी भक्ति बहुत प्रगाड़ थे..एक बार अर्जुन को अपने उपर अहंकार आ गया तो भगवान बोले चलो तुम्हे अपने एक भक्त से मिलवाता हू रॅंका और बंका रास्ते से जा रहे थे कृष्ण और अर्जुन छिप के खड़े हो गये रास्ते मे कृष्ण ने चुपके से एक मोहरो की थैली निकली और फेक दी रॅंका आगे आगे जा रहा था उसने देखा की मोहरो की थैली पड़ी है उसने सोचा ये देख कर मेरे भाई को लालच ना आ जाए उनसे उस थैली को मिट्टी से दबाना श्रुऊ किया पीछे से बंका आ गया उसने पूछा क्या कर रहे हो..तो बोला कुछ नही मोहरो की थैली को मिट्टी से दबा रहा हू तो बंका बोला रॅंका तू तो रंक का रंक ही रह गया कही मिट्टी को मिट्टी से दबाते है अगर ऐसे भी पड़ी होती तो भी म नही देखता...अर्जुन को ये देख कर अपने उपर शरम आ गई..ऐसे होते है भगवान के भक्त
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