नारी को नारी रहने दो
मत थोपो उसपे नये काम
जब वो बाहर जाएगी....
अपना अस्तित्व दिखाएगी
पुरुष नही सह पाएगा..
नारी मे दोष बताएगा
नारी फिर आरोपो के
कटघरे मे फिर एक बार
खड़ी कर दी जाएगी
सीता माँ की अग्नि परीक्षा से भी
क्या आज हम कुछ सीख पाए हैं
खोकर उनके जीवन को
क्या राम जी पाए हैं..????
थी कितनी वो पाक पवित्र.........
पता था सारे जहान को
लेकिन लेकर उनकी परीक्षा....
शायद सबको दिखलाना था
नारी की सहनशीलता को
दुनिया के आगे लाना था
नारी तुम देवी हो..
तुम श्रद्धा हो......
नतमस्तक हूँ तेरे आगे..
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