Thursday, August 11, 2011

क्या हम आज़ाद हैं??


क्या हम आज़ाद हैं??
अपने विकारो से..
अपने झूठे अहंकारो से..
अपने पुराने बेवज़ूद संस्कारो से..
अपनी विकृत मानसिकता से
अपनी पुरानी निरर्थक क्रियाओं से
अपने काम, क्रोध, लोभ मोह से ...
नही हम आज़ाद नही हैं............
अपने आप से पूछे.....
क्या खुद को पहचाना हैं?????
कभी दूसरो की मदद के लिए 
अपना हाथ बढ़ाया हैं....
कभी अपनी सोच पे सच की मोहर लगाया हैं
खुद के विकारो पे रोक लगाया हैं
किसी को प्यार से गले लगाया हैं
अपने मे नया परिवर्तन लाया हैं ....
चलो आज से शशक्त कदम उठाए
आज से अपना जीवन बनाए
सबके काम आए.......
सारी दुनिया को जगाए
अपने आदर्श खुद बने....
विवेकनद, राम तीर्थ, गाँधी जी को
अपना आदर्श बनाए........
सच्ची राह अपनाए............
वन दे मातरम.....................
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