Wednesday, August 17, 2011

नई क्रांति आएगी


अन्ना आँधी हैं
सब बहा ले जाएगी
देखना ये एक दिन
सच का इंक़लाब लाएगी......
ये ऐसा शोला हैं
जो जन जन के मन मे
आग लगाएगी........
झूठ टिक ना सकेगा 
नई क्रांति आएगी
एक छोटी चीटी जब 
ले सकती हैं जान हाथी की
तो क्या ये जान क्रांति 
कुछ ना कर पाएगी


2 Comments:

At August 17, 2011 at 11:59 PM , Blogger suman.renu said...

बहुत सुंदर , काव्य और क्रांति एक साथ

 
At August 22, 2011 at 4:57 AM , Blogger अपर्णा खरे said...

thanks Suman...sab apka sath hain

 

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