बात बात पर बिगडती है बात
ना हो बादल तो कैसी बरसात
तेरा प्यार आँखो से जा निकलता हैं
वक़्त बेवक़्त जाने क्या कह उठता हैं
जाए जो उमस, कस के हो बरसात
तेरा प्यार है या हैं मेरे ज़ज्बात
क्या यही हैं प्यार की शुरूवात
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home