कैसा प्यार हैं तुम्हारा?
मेरे लिए इतना ही बहुत हैं
मुझे तुम्हारे गुलदस्ते की
दरकार कहाँ हैं?
माना तुम्हारी जान की कीमत
तुम नही जानते?
इसलिए तुम मुझे
अपनी जान कहते हो
लेकिन मुझसे पूछो
तुम्हारी जान मेरे लिए
क्या कीमत रखती हैं...
तुम मुझे अपना
सब कुछ देते हो
लेकिन मुझे पता हैं
उस वक़्त भी तुम अपना अहम
मुझसे बचा लेते हो...
तुम्हे लगता हैं कहीं तुम
लुट ना जाओ?
कहीं तुमसे तुम्हारा
सर्वस्व ना छिन जाए!!!
और मैं अपने को पाती हूँ पूर्ण
जब अपना सर्व तुम्हे दे देती हूँ
तुम मे और मुझमे बस
इतना ही अंतर हैं
तुम गीत भी लिखते हो
मेरे लिए तो उसका 'मर्म'
अपने पास रख लेते हो...
अपनी "मैं" को हर वक़्त
सहेजते रहते हो..
फिर भी कहते हो
कि तुम
मुझे प्यार करते हो
मैं पूछती हूँ ....
कैसा प्यार हैं तुम्हारा?
Anil Ayaan Shrivastava माना तुम्हारी जान की कीमत
तुम नही जानते?
इसलिए तुम मुझे
अपनी जान कहते हो
लेकिन मुझसे पूछो
तुम्हारी जान मेरे लिए
क्या कीमत रखती हैं...
तुम मुझे अपना
सब कुछ देते हो
लेकिन मुझे पता हैं
उस वक़्त भी तुम अपना अहम
मुझसे बचा लेते हो...
Bahut achchi baat kahi hai apne... Aprna mam..... Verynice poetry....
Saturday at 11:46am · · 2 people
Manoj Gupta निर्मल पावन कोमल शीतल ,
कैसा है स्पर्श तुम्हारा |
तन मन की कैसी पीड़ा हो ,
हर लेता है प्यार तुम्हारा |
जब भी जीवन में थकता हूँ ,
तेज धुप में मैं तपता हूँ |
जीवन का हर ताप मिटाता
आँचल का इक सार तुम्हारा |
मुझे खिला तुम भूखे रहती ,
ढाल बनी सब सुख दुःख सहती |
शब्दों में ना कह पाउँगा ,
अकथनीय है प्यार तुम्हारा |
बचपन में जब बाल खींचकर ,
जब - जब मैंने तुमको मारा |
तब - तब तुमने शीश चूमकर ,
जाने तुमने कितना दुलारा |
कैसे भूल सकूँगा माँ मैं ,
निश्छल वो दुलार तुम्हारा |
मन में अब अभिलाषा एक ,
चाहे मिले जन्म अनेक |
गोंद तुम्हारी , प्यार तुम्हारा ,
आँचल का हो सार तुम्हारा
Saturday at 11:58am · · 2 people
Manoj Gupta गर हो सके तो ये राज बता दो
तुम्हे कैसे प्यार करू समझा दो
ये दूरिया दिलो की सही नहीं जाती
दर्दे दिल गैरों से कही नहीं जाती
करीब तुम्हारे आने का रास्ता बता तो
तुम्हे कैसे प्यार करू समझा दो
क्यों पास मेरे तुम इतने आये
क्यों दिल के सोये अरमान जग्गाये
दिल के जलते अरमानों को जुल्फों की हवा दो
तुम्हे कैसे प्यार करू समझा दो
वीराने चमन में तुम बहार बनके आये
फुल मोहब्बत के इस चमन में मुस्कुराए
जिंदगी मेरी अपने तबस्सुम से सजा दो
तुम्हे कैसे प्यार करू ये समझा दो
न जाना दूर कही अब इस दिल के साए से
न लगाना दिल कही अब किसी पराये से
आके मेरी बाहों में इस जहां को भुला दो
तुम्हे कैसे प्यार करू समझा दो l
Saturday at 12:00pm · · 3 people
Aparna Khare gar sab bata diya maine to kya reh jayega....tumhara pyar bhi kya kabhi auto generated ho payega....hahaha
Saturday at 12:01pm · · 2 people
Manoj Gupta chalo koi nahi , Raz ko Raz rahne do chalega ye to keval kavita hai ............
Saturday at 12:03pm · · 2 people
Manju Gupta
तुम गीत भी लिखते हो
मेरे लिए तो उसका 'मर्म'
अपने पास रख लेते हो...
अपनी "मैं" को हर वक़्त
सहेजते रहते हो..
Saturday at 12:05pm · · 3 people
Madan Soni chalo koi nahi , Raz ko Raz rahne do chalega ye to keval kavita hai ............
kuch to log kahenge .......lo..go ka kaam hai kahna
chhodo bekaar ki baton me ............kahin beet na jaye raina ..........
Saturday at 12:15pm · · 2 people
Madan Soni kuchh na kaho ..
kuchh bhi na kaho ..
kya lena hai kya dena hai ,
mujhko pata hai ,,tumko pata hai .......
Saturday at 12:24pm · · 2 people
Aparna Khare ye apka pyar hain janab....jo mere shabdo ke akaar se bada ho gaya hain.....
Saturday at 12:27pm · · 1 person
Madan Soni ye apka pyar hain janab....jo mere shabdo ke akaar se bada ho gaya hain.....
hammm...... tabhi to aansuon ke moti bankar mere samne aa khada ho gya hai ..
Saturday at 12:29pm · · 1 person
Madan Soni tum aa gaye..ho.........................nahi to charagon se lo ja rahi thi ..........
Saturday at 12:32pm · · 1 person
Ramesh Sharma
तुम्हे लगता हैं कहीं तुम
लुट ना जाओ?
कहीं तुमसे तुम्हारा
सर्वस्व ना छिन जाए!!!
और मैं अपने को पाती हूँ पूर्ण
जब अपना सर्व तुम्हे दे देती हूँ...wahhhh
Saturday at 1:04pm · · 2 people
Rajiv Jayaswal Na jane kaun kis ko pyar karta hai, pyar ko samajhna bahut mushkil hai Aparna ji.
Saturday at 1:25pm · · 1 person
Rajani Bhardwaj अपनी "मैं" को हर वक़्त
सहेजते रहते हो..
फिर भी कहते हो
कि तुम
मुझे प्यार करते हो.............. sawal ki khasiyat unhe heran kr degi........munh baye dekhenge wo tumhe.........umda aparna
Saturday at 1:26pm · · 1 person
Madan Soni नहीं ......कभी नहीं .......मैं .कभी .पार नहीं पा सकता .......
Saturday at 1:54pm · · 1 person
Alam Khursheed Bahut achhe bhav hain Aparna Ji!
Badhaiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii
Saturday at 2:19pm · · 1 person
Om Prakash Nautiyal
*
"..तुम गीत भी लिखते हो
मेरे लिए तो उसका 'मर्म'
अपने पास रख लेते हो...
अपनी "मैं" को हर वक़्त
सहेजते रहते हो.."
वाह , बहुत उम्दा !!
*
Saturday at 2:25pm · · 1 person
Gopal Krishna Shukla
सुन्दर रचना अपर्णा जी.... बहुत खूब....
तुम गीत भी लिखते हो
मेरे लिए तो उसका 'मर्म'
अपने पास रख लेते हो...
अपनी "मैं" को हर वक़्त
सहेजते रहते हो..
फिर भी कहते हो
कि तुम
मुझे प्यार करते हो.......
मनभावन पंक्तियां.... पर यह मनुष्य का स्वभाव है कि वो अपने अहं को नही छोड पाता... शायद यही मनुष्य के लिये कभी उत्थान और कभी पतन का कारण बनता है....
Saturday at 6:33pm · · 1 person
Chitra Rathore Aparna Ji...nice cmpstn...
hum ...pyaar main...khud ko mitaatey chale gaye...
aur aap...khud ke guroor main...faasle badhaatey ...chaley gaye...
Saturday at 9:39pm · · 1 person
Naresh Matia badhiya rachna.....par pyar mei keemat lagegi to...koi bechne wala hoga to koi khareedar.....fir koi apna ahm bhi dikhayega to kai nat-mastak hokar...apni khoobi ginayega.....
Saturday at 10:51pm · · 1 person
Poonam Matia Aparna Khare........kaun kitna smarpan bhav rakhta hai ......ye uspar nirbhar karta hai ........har kisi ka aham uske liye mahatvpoorn hai ........kya ye swaal kar ham apna aham nahi darsha rahe?????????????????????
Sunday at 2:37am · · 1 person
Aparna Khare aham to hain..lekin yu i na chali jaye jindagi.....iske liye kabhi kabhi jaruri ho jata hain..
Sunday at 7:57pm · · 1 person
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