हमारा प्यार
देखो मेरा प्यार हाथ मे लिए
तुम अभी तक वही खड़े हो
जहाँ मैने छोड़ा था
लेकिन ये क्या?
मेरा प्यार तो अब भी...
जो अलगनी पे टंगा था
सूख चुका था
पानी की छींटे मारते ही
कैसे जिंदा हो गया....
रिश्ते जो पक चुके थे
धीमी आँच पे
उनमे कुछ स्वाद सा आया हैं
चखो और बताओ...
कैसा बन पड़ा हैं
मेरा प्यार..
तुम्हारा प्यार
नही..नही
हमारा प्यार
- Manoj Gupta उसे भी मालूम है
मुझे भी पता है
और हम दोनों के बीच
बहती
इस चुपचाप -नदी को भी ज्ञात है
की उसी की तरह
कितना ....गहरा ....विस्तृत है हमारा प्यारOctober 7 at 11:41am · · 2 people - Manoj Guptaहमारा प्यार
रेस्तरां की इस सेविका की
आंखों में
मुस्कुरा रहा है
उसे मौका दो
हमारा प्यार
ज्लातना प्यासा की
भट्टी में पकी
सोन मछली की
गंध में
फैल रहा है
इसे उठा लो।
हमारा प्यार
इस्सर नदी की कलकल में
गुनगुना रहा है
इसमें नहा लो।
हमारा प्यार
इस पहाड़ी की धुंध में
खो गया है
अब चलो।
ज्लातना प्यासा (सोन मछली) : रेस्तरां का नाम
इस्सर : सोफिया की बगल में बहती नदीOctober 7 at 11:42am · · 1 person - Saroj Singh तुम्हारा प्यार
नही..नही
हमारा प्यार..............वाह बहुत सुन्दर भाव अपर्णा........पुराने होते रिश्तों में नई खुशबु भरती हूँ रचना ...October 7 at 11:49am · · 3 people - Gunjan Agrawal ohh kitna alag.. aacha laga.... balki...subah subah muh ka swad badhiya ho aaya.... zyekedar... aise hi badhiya sa likhti raho... kuch alag swad liyeOctober 7 at 11:53am · · 1 person
- Suman Mishra देखो मेरा प्यार हाथ मे लिए
तुम अभी तक वही खड़े हो ...अति sunderOctober 7 at 12:23pm · · 2 people - Om Prakash Nautiyal *
"..रिश्ते जो पक चुके थे
धीमी आँच पे
उनमे कुछ स्वाद सा आया हैं .."
वाह, क्या बात है !! बहुत सुन्दर !!!*October 7 at 12:30pm · · 1 person - Aameen Khan Aaj bhi hamm usi mod par khade hai; jahaa tum chhod gaye the; Magar kaash tumhare lautatey kadamon ka ehsaas hota..............October 7 at 12:52pm · · 1 person
- Ramesh Sharmaरिश्ते जो पक चुके थे
धीमी आँच पे
उनमे कुछ स्वाद सा आया हैं
चखो और बताओ...
कैसा बन पड़ा हैं
मेरा प्यार..
तुम्हारा प्यार
नही..नही
हमारा प्यार
bahut accha likha hai...October 7 at 2:31pm · · 2 people - Rajani Bhardwaj देखो मेरा प्यार हाथ मे लिए
तुम अभी तक वही खड़े हो ...................umdaOctober 7 at 3:00pm · · 2 people - Anjali Kulshrestha क्या सोच है अपर्णा जी बहुत ही गंभीर ....हमारा प्यार ...बहुत खूबसूरतOctober 7 at 3:23pm · · 1 person
- Gopal Krishna Shukla सुन्दर रचना अपर्णा जी....
सच्चा प्यार कभी भी मरता नही है...किसी वजह से तल्खी आ जाने पर सुस्त जरूर होता है पर फ़िर पनप जाता है एक हरे-भरे खुशहाल वृक्ष की तरह...October 7 at 4:29pm · · 1 person - Parveen Kathuria ye mere tumhara khatam hokar sirf hamara ban jaye to duniye kitni khoobsurat ho jaye....aapne bahut khoobsurat rachna likhi hai....कैसा बन पड़ा हैं
मेरा प्यार..
तुम्हारा प्यार
नही..नही
हमारा प्यार...wah..bahut khoob...Aparna Khare jiOctober 7 at 7:33pm · · 1 person - Naresh Matiakal tarkaari pakai ja rahi thee...aaj rishte..pakaaye ja rahe hain....badhiya hain....waise jaise kahaa ki...
रिश्ते जो पक चुके थे
धीमी आँच पे
उनमे कुछ स्वाद सा आया हैं
चखो और बताओ...
कैसा बन पड़ा हैं
मेरा प्यार..
तुम्हारा प्यार
नही..नही
हमारा प्यार
.........bilkul sahi bat hain...rishto mei sabse ahm jo cheej hain wo hain dhairya...dhairya rakh kar ek dusre ko samjhna....tabhi rishte dheemee aag mei pakte hain.....aur aisa karne se...sirf rishte hi pakte hain...rishto mei log fijool bato se nahi 'pakte'................ek badhiya rachnaOctober 7 at 11:13pm · · 1 person - Poonam Matiaरिश्ते जो पक चुके थे
धीमी आँच पे
उनमे कुछ स्वाद सा आया हैं
चखो और बताओ...
कैसा बन पड़ा हैं
मेरा प्यार..
तुम्हारा प्यार
नही..नही
हमारा प्यार// bahut sunder bhaavSaturday at 1:51am · · 2 people - Aparna Khare thanks Maya Sir, mirch daalne se chatpata ho jayega ....Saturday at 9:13pm · · 1 person
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home