उधार ले लू.........तो चलु
ना मिला दर्द कही से इन दिनो,
बनती नही हैं नज़्म कोई इन दिनो
सोचा तुझसे बात कर .....
तेरा थोड़ा दर्द उधार ले लू.........तो चलु
खयालो में तुझसे मिल कर थक गई हूँ मैं
खुदा को भी मुझ पे तरस आया हैं अभी
आंखों को नमी की जरूरत हैं अभी ...
सोचा थोड़े आँसू ही सही .........
तुमसे उधार ले लू...तो चलु
शायद खुद पे हँसना मेरी तकदीर थी
कि कोई जलन ना बाकी रही मुझमे
तुझे जला कर सोचा जलन .......
तुझसे उधार ले लू .....तो चलु
ये अच्छा हुआ कि देख तुमने मुझे
मुख फेर लिया..
बिन बोले हुआ काम तमाम
अदा कर दू तुझे शुक्रिया .........तो चलु
- You, Ashish Khedikar, Rajani Bhardwaj, Gopal Krishna Shukla and 23 otherslike this.
- Prateek Shesh Mere pas dard ki dukan hai..kaho to kuchh udhar de du?October 3 at 11:39am · · 3 people
- Aparna Khare hahaha....apni manufacturing hain....bolo to maal supply karu..October 3 at 11:40am · · 1 person
- Aparna Khare dada aj bahut achha lag raha hain...apko purane kalevar me dekh kar....October 3 at 11:51am ·
- Ravindra Shukla jaanaa kidhar hai ---lot ke aanaa hai sab ko yahi -----October 3 at 11:52am · · 1 person
- Ravindra Shukla aparnaa ham likh nahi paa rahe hai ---sab abhivyakti fans si gyi hai ----October 3 at 11:52am · · 1 person
- Nitesh Kumar बहुत सुंदर रचना ......लाजवाब, बेहतरीन.वाह क्या बात है.....October 3 at 12:02pm · · 1 person
- Aparna Khare thanks Nitesh ji....bahut achha laga apka hausala afjai..October 3 at 12:05pm · · 1 person
- Manoj Guptaठूंठ जैसी रही अनखिली ज़िंदगी
यों उधारी की हमको मिली ज़िंदगी
सीढि़याँ ले विरासत की चलता रहा
ब्याज दर ब्याज इक अनचुके कर्ज़ सी
दर्पणों को दिखाते हुए प्रश्न बन
सामने आ खड़े अननिभे फ़र्ज़ सी
इक स्वयंवर में टूटे धनुष की तरह
चौथ के चन्द्रमा के कलुष की तरह
कामनाओं के बोझों तले दब गिरे
स्वर्ग पाकर के राजा नहुष की तरह
एक पूजा के बासी हुए फूल सी
नित्य दुहराई जाती रही भूल सी
प्यास की आग में होंठ जलते लिये
एक नदिया के सूखे पड़े कूल सी
धूप मे, पापड़ों सी बिली ज़िन्दगी
यों उधारी सी हमको मिली ज़िन्दगी
ज़िंदगी मुझसे नजरें चुराती रही
दूर बैठे हुए मुस्कुराती रही
आज सहसा मेरे सामने आ गई
मुझको बैठे बिठाए हंसी आ गयी
(Rakesh Khandelwal)October 3 at 12:05pm · · 1 person - Manoj Gupta क्या कभी वक्त से ज्यादा कोई कली खिली है?
या किसी को दूसरे की ज़िंदगी उधार मिली है.
आपका जवाब होगा नहीं,
पर सच में ऐसा हुआ है कहीं.October 3 at 12:06pm · · 1 person - Parveen Kathuria Dard to Zindagi ki sabse badi sachchai hai,
Zindagi kab bhala Dard se bach payi hai....October 3 at 12:17pm · · 1 person - Aparna Khare sach kaha parveen ji.....dard se pyar hame hain....kyunki dard sachhe hainOctober 3 at 12:19pm ·
- गिरीश जोशी उधार महंगा पड़ता है अपर्णा जी! दर्द के साथ दवा भी लौटानी होगी सूद में....October 3 at 12:25pm ·
- Aparna Khare sach kaha Girish ji...beemari jad se chali jaye to sauda mehga nahi hainOctober 3 at 12:37pm · · 1 person
- Kamal Kumar Nagal bahut accha likha he aap ne ..aaj ke time sahi rachna he...lekin hame patta he aap ki thinking greats...aap to hame rose rachanye de rahi he ...hum to sirf comments hi de pate he....October 3 at 12:38pm · · 1 person
- Aparna Khare kamal ji...agar ap jaise patahk nahi honge to hamara likhna bhi sarthak nahi jayegaOctober 3 at 12:46pm · · 2 people
- Kamal Kumar Nagal yah sab aap hi prayas he jo hame aap ki rachanao ki taraf le jata heOctober 3 at 12:54pm · · 1 person
- Kamal Kumar Nagal aap ke sabdo ki taraf dhyan esaa jata ki jese ..aaj hume kucch or milega jiOctober 3 at 12:55pm · · 1 person
- Aparna Khare thanks Rahul sir...माना तल्खिया गम बढ़ाएँगी.....लेकिन खवाब तो पलको को और सज़ा जाएँगे....उनमे कहाँ आँसू हैं जो हमे रुलाएँगेOctober 3 at 12:58pm ·
- Om Prakash Nautiyal *
"ना मिला दर्द कही से इन दिनो,
बनती नही हैं नज़्म कोई इन दिनो.."
वाह! बहुत सुन्दर !!!
*October 3 at 3:15pm · · 1 person - Gunjan Agrawal ये अच्छा हुआ कि देख तुमने मुझे
मुख फेर लिया..
बिन बोले हुआ काम तमाम
अदा कर दू तुझे शुक्रिया .........तो चलु.. mind blowing aparna..... bahaut hi umda likha hai tumneOctober 3 at 6:23pm · · 1 person - Naresh Matiabadhiya rachna.....par dukh-dard sabke apne....koi kah to sakta hain...par apne dukh dard na kisi ko bech sakta hain...na hi udhaar de sakta hai...is se sabko khud hi nipatna padta hain...haa dusro ko kah kar shayad koi advise mil jaaye to...See MoreOctober 3 at 7:14pm · · 1 person
- Gopal Krishna Shukla सुन्दर अभिव्यक्ति अपर्णा जी....
आंखों को नमी की जरूरत हैं अभी ...
सोचा थोड़े आँसू ही सही .........
तुमसे उधार ले लू...तो चलुOctober 3 at 8:44pm · · 1 person - Rajani Bhardwaj अदा कर दू तुझे शुक्रिया .........तो चलु............bhut hi umdaOctober 3 at 11:15pm · · 1 person
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