मरने का मॅन हैं तो क्यूँ शुगर खाए
चिकनाई मे क्यूँ फिसल फिसल जाए..
कोई ऐसी जुगत लगाए..यू ही मौत आ जाए
प्यार करे और बेमौत मर जाए
बात आपकी सच हैं कुछ बातें
कहने की नही होती
डूबने की होती हैं
समझने की होती हैं
हर बात को कविता मे ढालना
तुम्हारी खूबी हैं........इस खूबी को
यू ना मेरे लिए पिरोना
बस प्यार करते जाना
कविता चाहे कभी ना लिखना
पिया कहे मोहे सुंदर
मैं बली बळी जाउ
दर्पण देखु रूप निहारू
कहीं चैन ना पाउ....
रिश्तो को पकड़े पंछी की तरह..
ऐसा ना हो...
कस के पकड़े तो दम घुट जाए
छोड़ दे तो कहीं उड़ ना जाए
खुदा आपको ऐसा मसरूफ़ करे
बात कर ना पाए खुद से भी कभी
नमक लगी यादे और भी नमकीन हो जाती हैं
चाय के साथ याद करो तो और भी स्वाद दे जाती हैं
चिकनाई मे क्यूँ फिसल फिसल जाए..
कोई ऐसी जुगत लगाए..यू ही मौत आ जाए
प्यार करे और बेमौत मर जाए
बात आपकी सच हैं कुछ बातें
कहने की नही होती
डूबने की होती हैं
समझने की होती हैं
हर बात को कविता मे ढालना
तुम्हारी खूबी हैं........इस खूबी को
यू ना मेरे लिए पिरोना
बस प्यार करते जाना
कविता चाहे कभी ना लिखना
पिया कहे मोहे सुंदर
मैं बली बळी जाउ
दर्पण देखु रूप निहारू
कहीं चैन ना पाउ....
रिश्तो को पकड़े पंछी की तरह..
ऐसा ना हो...
कस के पकड़े तो दम घुट जाए
छोड़ दे तो कहीं उड़ ना जाए
खुदा आपको ऐसा मसरूफ़ करे
बात कर ना पाए खुद से भी कभी
नमक लगी यादे और भी नमकीन हो जाती हैं
चाय के साथ याद करो तो और भी स्वाद दे जाती हैं
4 Comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
गुड़ कविता मीठी मीठी
thanks uncle....
thanks nukkad ji....
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