सुख दूल्हा हैं...
सुख दूल्हा हैं...
दुख बराती हैं..
बराती आगे चलते हैं
दूल्हा पीछे चलता हैं
दुख आगे..सुख पीछे..
एक सुख माँगॉगे ....
हज़ार दुख आ जाएँगे
जो मिलकर तुम्हे परेशानी की
घोड़ी पे बिठाएँगे....
नाचेंगे तुम्हारी बारात के आगे
मुसीबत रूपी वरमाला पहनाएँगे
दुल्हन मिलेगी मुसीबत की तरह
उम्र क़ैद की सज़ा दिलवाएँगे
और तो और जिंदगी भर की
तुम्हारी आज़ादी भी ले जाएँगे........
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