सावन और मेघा ........................
पिया की याद को ना करो अनदेखा
सब बहुत सताते हैं,
जब मेघ घर आते हैं.......
गाव का झूला, अम्मा का चूल्हा
सब हरकत मे आ जाते हैं
जब मेघ घर आते हैं........
हाथो मे हरी चूड़िया,
बापू के संग अटखेलिया...............
भैया से मनुहार,
सहेलियो संग पूरे गाव मे गुहार
सब बहुत याद आते हैं...
जब मेघ घर आते हैं..............
बाबुल का अंगना,
पी की याद मे सजना.....
कभी कभी बहुत रुलाते हैं ...
जब मेघ घर आते हैं..
कोयल की कूक,
केरी की खटास खूब याद आते हैं
जब मेघ घर आते हैं...........सब आज भी तड़पाते हैं...
पिया की याद को ना करो अनदेखा
सब बहुत सताते हैं,
जब मेघ घर आते हैं.......
गाव का झूला, अम्मा का चूल्हा
सब हरकत मे आ जाते हैं
जब मेघ घर आते हैं........
हाथो मे हरी चूड़िया,
बापू के संग अटखेलिया...............
भैया से मनुहार,
सहेलियो संग पूरे गाव मे गुहार
सब बहुत याद आते हैं...
जब मेघ घर आते हैं..............
बाबुल का अंगना,
पी की याद मे सजना.....
कभी कभी बहुत रुलाते हैं ...
जब मेघ घर आते हैं..
कोयल की कूक,
केरी की खटास खूब याद आते हैं
जब मेघ घर आते हैं...........सब आज भी तड़पाते हैं...
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2 Comments:
दिल के सुंदर एहसास
हमेशा की तरह आपकी रचना जानदार और शानदार है।
Sanjay ji ham apke bahut abhari hain jo ap hamara hausala itne pyar se badhate hain..thanks a lot
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