जाते जाते सोचा
कुछ तुमसे कहते चले
बात पुरानी ही सही
याद दिलाते रहे.............
मत करना .......
मेरे पीछे कोई बखेड़ा,
ना उलझना किसी से, ना लड़ना
हो सकता हैं ..............
सब तुम्हे आवेश दिलाए
तुम मेरी तरह शांत रहना
अविचल, समुद्र की तरह,
कभी ना डिगना
याद रखना मेरी कही बातें
मेरे वचन की लाज रखना
तुम मेरे हो..मेरे अपने..सो
जीवन मे मेरी तरह ही रहना...
1 Comments:
:(
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