Wednesday, December 12, 2012

तन्हाई मे संग तुम होते हो... महफ़िल मे तुम गुम होते हो..


कही पढ़ा ...
सफ़र जैसा मजा कही नहीं , लेकिन घाटी डरा देती है ...
भाई जैसा प्यार कही नहीं, लेकिन भाभी लड़ा देती है ...
मेरा जवाब..
भाभी के चक्कर मे भाई हुआ मज़बूर..
बिना इज़ाज़त देखे कैसे..रिश्ता हुआ चकनाचूर

चाहा मुझे और बताया नही
कहते हो तुम्हारी खता ये नही..
कैसी करते हो बातें तुम
ये..तुम्हारी अदा सही..

मुझे पता हैं...तुम रोए हो जार जार..
लिखा हैं ये तुम्हारे हर आँसू पर baar baar 

हमारे इश्क़ मे हैं तेरी ताक़त
ये क्यूँ भूल जाते हो..
करते हैं तुमसे मोहब्बत...
ये तुमको आज बतलाते हैं

फ़िक्र मत किया करो
हम तुम्हारे साथ हैं
जो आए जिंदगी मे कोई ढलान
पकड़ लेना हमारा हाथ हैं..

तन्हाई मे संग तुम होते हो...
महफ़िल मे तुम गुम होते हो..

देकर अपनी कमाई उम्र भर की..
तुमने मुझे कर्ज़दार कर दिया..

बनिया होगा वो जो तराजू से तौले..
प्यार कोई व्यापार नही..जो नाप नाप के हो ले..

ज़रा सी मोहब्बत ने अपना असर दिखाया हैं..
खाई हैं नींद की ना जाने कितनी गोली....
लेकिन अब तक नींद को नही पा पाया हैं

2 Comments:

At December 12, 2012 at 6:15 AM , Anonymous Anonymous said...

This comment has been removed by the author.

 
At December 13, 2012 at 11:05 AM , Blogger अपर्णा खरे said...

bahut sunder

 

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