Sunday, January 20, 2013

हर जादू हैं तुम्हे आता ..


कैसे कर लेती हो इतना कुछ
जो मैं सोच भी नही पाता..
सॅंजो लेती हो सुनहरे पल को..
जो कमेरे मे भी क़ैद नही हो पाता
मुझे लगता हैं कुछ मायावी हो तुम
दिल को लुभाने का ..
हर जादू हैं तुम्हे आता ..

आए और सजदो मे झुका दिया सर...
लेकिन ये क्या..उनका प्यार तो रहा बे-असर

सताती हो, रूलाती हो, तड़पाती हो...
समझती हो, मानती हो.. प्यार भी करती हो..
मुझे समझ नही आता..क्या करती हो..
शायद यही होगा प्यार ......बेशुमार

एक तो क्या मैने कई उखाड़े हैं..
अपनी चिता पे सजा डाले हैं ..

4 Comments:

At January 20, 2013 at 11:23 PM , Anonymous Anonymous said...

सताती हो, रूलाती हो, तड़पाती हो...
समझती हो, मानती हो.. प्यार भी करती हो..
मुझे समझ नही आता..क्या करती हो..
शायद यही होगा प्यार .......... "( )"

 
At January 20, 2013 at 11:55 PM , Anonymous Anonymous said...

har jadoo tumhe hai aata ....
suraj ko hath me le ....
rasta dikhana tumhe hai aata ...
suraj hoon main ..kaash ke samajh pata ...
hathon ke jalne se pahle ..kaash ke....
barf ka gola ban jata .....
sukun milta gar ..tumse takrakar..... main bhikhar jata

 
At January 21, 2013 at 12:39 AM , Blogger अपर्णा खरे said...

kya baat hain...

 
At January 21, 2013 at 3:34 AM , Blogger संजय भास्‍कर said...

सुंदर भावप्रवण प्रस्तुति...!!!

 

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