बर्फ का गोला वाह ....चलो फेकते हैं एक दूसरे पे.. तुम बिखर जाना..लेकिन मुझे छूकर..
एहसास.. शब्द से बहुत आगे हैं..
शब्द पद जाते हैं बौने....
जब होता हैं एहसास......
किसी के अपना होने का..
पति हैं राजकुमार...
जो रहता हैं....शान से
पत्नी होती हैं..पटरानी..
जो करती हैं राज़
उस राजकुमार पे..
अब बताए कौन महत्वपूर्ण
कैसे बिखरे खवाब तुम्हारे
संजोया जो हैं बचपन से
निकल आएँगे सारे आँसू
टूट गया जो चट से..
हम तो जीना चाहते तुम्हारे साथ
ये हैं अरमान..मेरे हमनवाज
यादों की बारिश ने आज
मुझे पूरा भिगो डाला हैं..
क्या करूँ अब..नही मेरे बस मे
ये मौसम का हवाला हैं.........
तुम्हारे प्रशन मे दम हैं..
तुम्हारा ख़याल भी अति उत्तम हैं..
जिंदगी की राह मे रफ़्तार ज़रूरी हैं..
हो बारिशे कितनी..बढ़ना ज़रूरी हैं..
रुक नही सकते दुनिया के बवंडर से..
इस राह मे सब मौसम पे प्रहार ज़रूरी हैं
अजब सी कशमकश हैं जिंदगी मे तुम्हारी..
कैसे गुज़रेगी इस तरह ये जिंदगी तुम्हारी..
थाम लो दामन किसी का....बना लो अपना
आसान हो जाएगा सफ़र जिंदगी का..
बर्फ का गोला वाह ....चलो फेकते हैं
एक दूसरे पे..
तुम बिखर जाना..लेकिन मुझे छूकर..
खुशी को हुआ क्या...
कोई तो पूछे उस से..
क्यूँ हो गई खफा....
क्यूँ गई तुम्हे छोड़कर..
ये सवाल आज भी मुझे
परेशान करता हैं..
कोई हैं क्या जो .....
मेरा ये प्रशन
हल कर सकता हैं..
कहना खुशी को शुक्रिया
जो लौट आई मुस्कुरा कर..
वरना कहाँ जाते हम....
यू ठोकर खा कर ..
कोई तो होगा....
जिसने छुआ हैं दिल तुम्हारा
मौन हो या शब्द
या कोई एहसास प्यारा प्यारा
इस रास्ते पे गफलत भी खुशी दे जाती हैं..
सच का पता चल जाए तो कभी कभी .....
खुशी भी दरवाजे से निकल जाती हैं..
देखा जो किसी और की नज़र से
मायने बदल देगी जिंदगी..एक पल मे..
रहे यही एहसास जिंदा तो समझो
अपनी भी नौका पार हैं..
सच काहु यार.....प्यार बिना
सब बेकार हैं....
देश का आईना बदल डाला हैं..
जो जिस चीज़ का मास्टर हैं...
उसने उसी मे किया घोटाला हैं..
3 Comments:
lo bikhar gya main ..........(??) chhookar
kya tum barph ke gole ho
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