मुझे खुद से शिकायत हैं..
मुझे खुद से शिकायत हैं..
मुझे अपनी ज़रूरत हैं...
तंग हूँ इन तंग गलियों से..
अब मुझे किसी की नही हसरत हैं
जो आता हैं सो आ जाए
जो जाता हैं सो जाए
नही रोकूंगी किसी को मैं..
मुझे अपने से उलझन हैं
आ गई हूँ राह बदल कर
छोड़ कर सारी दुनिया को..
रहने दो अकेला अब मुझको..
नही किसी से शिकायत हैं...
जो मिला जैसा मिला.......
किया सब क़ुबूल खुशी खुशी..
अब नही सही जाती..मिली जो ऐसी खुशी..
सबको सलाम करती हूँ..
आज से अपना सब कुछ
तुम सब के नाम करती हूँ..
जा रही हूँ सब छोड़ कर.......
अंतिम विदा ...सबको............
अब तो सबके प्यार से भी डरती हूँ..
मुझे अपनी ज़रूरत हैं...
तंग हूँ इन तंग गलियों से..
अब मुझे किसी की नही हसरत हैं
जो आता हैं सो आ जाए
जो जाता हैं सो जाए
नही रोकूंगी किसी को मैं..
मुझे अपने से उलझन हैं
आ गई हूँ राह बदल कर
छोड़ कर सारी दुनिया को..
रहने दो अकेला अब मुझको..
नही किसी से शिकायत हैं...
जो मिला जैसा मिला.......
किया सब क़ुबूल खुशी खुशी..
अब नही सही जाती..मिली जो ऐसी खुशी..
सबको सलाम करती हूँ..
आज से अपना सब कुछ
तुम सब के नाम करती हूँ..
जा रही हूँ सब छोड़ कर.......
अंतिम विदा ...सबको............
अब तो सबके प्यार से भी डरती हूँ..
3 Comments:
mat jana kahin bhi .....
kyun....nahi jana
kyunki kisi or ko jana hai ......|
khushi ke liye ...jo shayad lout aaye
fir se ......''.tum tak.''
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home