आज से प्याज़ खाना छोड़ रहे हैं.....
प्याज़ उछल रही हैं
मॅंडी मे...
पता नही क्यूँ?
रोज़ बढ़ जाते हैं
इसके दाम
पेट्रोल की तरह,
पेट्रोल का तो
समझ मे आता हैं
ज्वलनशील हैं
झट से
आग पकड़ लेता हैं..
लेकिन ये क्या..अब
मुई प्याज़ को
क्या हुआ..
सुंदर लड़की की तरह
भाव खा रही हैं
नखरे दिखा रही हैं
सोलह से चालीस
हुई जा रही हैं..
शायद उसे पता नही...
चालीस के बाद
कोई नही पूछेगा उसे..
और हम भी ....
आज से
प्याज़ खाना छोड़ रहे हैं.....
अब ना आना
मेरे देस मेरी लाडो...
अब तुम्हे ना
झेल पाएँगे....
लहसुन अदरक से ही
अपना जी बहलाएँगे..
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home