गर मैं बदल जाउ
तुम सह ना पओगि
मुझे पता हैं तुम
मेरे बगैर एक पल भी
रह ना पावगी
मेरी खामोशी तुम्हे
अच्छी नही लगती
मेरा तारीफ करना भी
तुम्हे शर्मा सा जाता हैं..
मैं सवाल करता हूँ...
तुम टाल जाती हो....
मैं उदास होती हूँ..
तुम भी सहम जाती हो..
कैसा हमारा ये रिश्ता हैं..
ना तुम समझ पाती हो
ना मैं समझ पाता हूँ..
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