आज तुमसे एक बार फिर हारा...
प्रिय इतनी बे ऐतबारी..
क्या ठीक हैं...
तुम्हे हमारा प्यार...
क्यूँ लगता हैं दिखावा...
क्या मैने कभी तुम्हे...
कोई ठेस पहुचाई...
या
दिया कोई जवाब करारा..
मैने तो तुम्हे अपनी
रूह से हैं पुकारा..
लेकिन शायद मेरा प्यार
तुम्हे समझ नही आया..
तभी करती हो शक..
ऐसा कहकर आज तुमने मुझे
कर दिया बेसहारा...
उफ्फ कैसा ये प्यार तुम्हारा...
कैसा ये ऐतबार तुम्हारा...
नही जीत सका आज तक मैं
विश्वास तुम्हारा...
हे ये प्यार हमारा...
आज तुमसे हारा..
आज तुमसे एक बार फिर हारा...
अपना अपना प्यार हैं...
किसी को सब याद हैं..
कोई भूल गया हर बात हैं.......
1 Comments:
Shukria Upasna Di.....
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