Saturday, January 4, 2014

उम्र की धूप


ये  तुमसे ही नही....
ना जाने कितने लोगो से
नही पूछा गया...कभी
या
ज़रूरत ही नही समझी..कभी...
एक टीचर के दिल मे भी
धड़कता होगा एक नन्हा सा दिल..
जो कभी बच्चो सा भी बन जाता होगा..
या फिर कभी मासूम लड़की सा...
जो चाहता होगा किसी का 

"लव एट  फर्स्ट साइड"
लेकिन जो लपेट रखा था आवरण...
खुद पे दुनिया के लिए...

सब उसे ही सच सोच बैठे...
मान लिया 

तुम्हे नही ज़रूरत किसी की...
उम्र की धूप 

जो उतर आई है तुम्हारे चेहरे पे...

1 Comments:

At January 7, 2014 at 6:55 AM , Anonymous Anonymous said...

:(


 

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