अकेले
- कॅल जब अनाउन्स हुआकुहरे के कारण सारी फ्लाइटकहीं और उतारनी पड़ेगीमुझे लगा कैसे कटोगीतुम इतना समयना जाने कब कोहरा छटेगा..कब दोबारा फ्लाइट चलेगी..इतनी देर अकेले रहना..शायद ठीक नही..लेकिन तुम्हे ये ज़िद की अकेले जाना हैं...मेरा ये डर..कैसे करोगी मॅनेज...सब कुछ...वही हुआ...आख़िर...अब दिल हैं की चिंता से बैठा जा रहा हैं...जब तक आ नही जाती तुम..सच तुम्हारे जाने के बाद...कितना खाली हो जाता हैं घरसब कुछ काटने को दौड़ता हैं....घर के हर कोने से लगता हैंअभी तुम निकल पड़ोगीसच्ची बहुत कमी लगती हैं तुम्हारीजो मैं तुम्हारे सामने कभी जता ना पाता..अपने अहंकार के कारण बता नही पाता..मुझे पता हैं तुम सब समझती हो...लेकिन अंजान होने का नाटक करती होताकि मेरा अहंकार बचा रहे..औरतुम्हारा निमाण पॅन भी.. हैं ना..
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