Thursday, January 9, 2014

सर्द हवाओं..मे जब वो ज़ोर से खिलखिलाते हैं....


सर्द हवा...भीगा हुआ मौसम..कोहरे की चादर...
पहाड़ो से छन के आती चाँदी सी धूप...........
चीड़, देवदार, अमलतास.....सच सब बहुत प्यारे हैं..
दिलाते हैं....किसी की खामोशी से याद................
सर्द हवाओं..मे जब वो ज़ोर से खिलखिलाते हैं....


ढूँढा..... जो सूरज कही नज़र ना आया,
सर्द मौसम ने आतंक मचाया,
काँप उठे है हम रज़ाई मे,
चलो पीते है गर्म चाय इस तन्हाई मे,
क्या पता सूरज रास्ता भूल जाए..?
हमे ढूंढता हुआ हमारे घर आ जाए...


आप आते हैं हमारे घर
हमे बहुत अच्छा लगता हैं...
दुनिया मे कोई तो हैं ..
जो हमे इतना प्यार करता हैं....thanks Suraj...

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