ख़ुशवंत जी को श्रद्धांजलि
उम्र की सेंचरी मे
केवल एक रन कम रह गया...
देखो अपना ख़ुशवंत
हमसे बिछड़ कर चला गया..
जब तक रहा दुनिया मे..
बेबाक सब कहता रहा..
नही डरा किसी से वो..
सबके साथ चलता रहा..
रहा कोई भी विषय हो दुनिया का...
वो कभी ना शरमाया...
जो ना सके कोई आसानी से
वो भी आराम से फरमाया....
था थोडा सा रसिक अपने मिज़ाज से
लेकिन मानता था अपनी ग़लतिया..
बड़े शान से.......
कभी न अपनी बात को झुठलाया
रहा वो जहान मे..
बड़े दिलो जान से....
जब वक़्त पूरा हुआ तो...
नाइंटी नाइन पे अपना...shatak गवाया....
4 Comments:
इस पोस्ट की चर्चा, शनिवार, दिनांक :- 22/03/2014 को " दर्द की बस्ती ":चर्चा मंच:चर्चा अंक:1559 पर.
shardhanjali ......
thanks Rajeev ji..
Naman
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home