Friday, March 21, 2014

ख़ुशवंत जी को श्रद्धांजलि


उम्र की सेंचरी मे 

केवल एक रन कम रह गया...
देखो अपना ख़ुशवंत 

हमसे बिछड़ कर चला गया..
जब तक रहा दुनिया मे..

बेबाक सब कहता रहा..
नही डरा किसी से वो..

सबके साथ चलता रहा..
रहा कोई भी विषय हो दुनिया का...
वो कभी ना शरमाया...

जो ना सके कोई आसानी से
वो भी आराम से फरमाया....
था थोडा सा रसिक अपने मिज़ाज से
लेकिन मानता था अपनी ग़लतिया..
बड़े शान से.......

कभी न अपनी बात को झुठलाया
रहा वो जहान मे..

बड़े  दिलो जान से....
जब वक़्त पूरा हुआ तो...

नाइंटी नाइन पे अपना...shatak गवाया....

4 Comments:

At March 21, 2014 at 1:20 AM , Blogger राजीव कुमार झा said...

इस पोस्ट की चर्चा, शनिवार, दिनांक :- 22/03/2014 को " दर्द की बस्ती ":चर्चा मंच:चर्चा अंक:1559 पर.

 
At March 22, 2014 at 12:31 AM , Anonymous Anonymous said...

shardhanjali ......

 
At March 24, 2014 at 12:16 AM , Blogger अपर्णा खरे said...

thanks Rajeev ji..

 
At March 24, 2014 at 12:16 AM , Blogger अपर्णा खरे said...

Naman

 

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