Sunday, February 19, 2012

चलो मेरा वजूद ही ला दो...


वजूद कहाँ मिलेगा मेरा
कोई ये बताए.....मदद करो मेरी
मुझे अपने आप से मिलवाओ
वरना मैं अधमरी हूँ....पूरी  मर जाउगी
दुनिया इतनी जालिम हैं..............
जानती हूँ जो खोजने निकली खुद को तो
वापिस नही आ सकूँगी ................
जो भी राह मे मिला..उसने बहुत तोड़ा हैं
सारे राह मुझे वक़्त ने मरोड़ा हैं
क्या तुम मेरा बचपन मुझे लौटा सकोगे
जो निकली थी खुशिया ढूढ़ने.......
उन्हे मेरे लिए ला सकोगे
नही ना......चलो मेरा वजूद ही ला दो...
बाकी मैं खुद ढ़ूंड लेती हूँ....

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