Monday, May 7, 2012

तुम्हारा चेहरा

आकाश था नीला

हवा थी ठंडी
फूलो की घाटी महक रही थी
चिड़िया चहक रही थी
सब और एक सन्नाटा था
सिर्फ प्रकति का शोर था

जो दिल को भा रहा था
मन को भिगो रहा था
ऐसे में तुम्हारा आना

चुपके से मेरे माथे को चूम कर
कहीं दूर  विलीन हो जाना
सच मुझे बहुत भाया
ऐसे में तुम्हारा चेहरा बहुत याद आया..
तुम्हारे साथ ने मुझे बहुत सताया ....





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